बच्चो का जिक्र या उनकी कल्पना आते ही किसी का भी मन प्रसन्न और प्रफुल्लित हो जाता है आंखो में उनकी मुस्कराती और खेलती कूदती छवि घूम जाती है। कहते भी है कि बच्चे ईश्वर का वरदान होते है। बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते है और बच्चे जितने स्वस्थ और खुश होंगे उस देश का भविष्य भी उतना ही सुदृढ़ होगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार अनेकों अवसरों पर बच्चो के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखा चुकी है। कल बलबीर सिंह हाईस्कूल खोड़ा कॉलोनी गाजियाबाद में सवेरा फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी इंडिया लिमिटेड के सहयोग से गरीब व वंचित समाज से संबंधित स्कूली बच्चो का व्यापक स्वास्थ्य मूल्यांकन शिविर का आयोजन किया गया। इस कैंप में विटामिन डी और G6PD टेस्ट किए गए।
विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अतिआवश्यक होता है। इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है और व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टीयोमलेशिया कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं। इसके अलावा विटामिन डी कैंसर, क्षय रोग जैसे रोगों से भी बचाव करता है। इसी तरह G6PD एक एंजाइम होता है। इस टेस्ट में इसी एंजाइम का स्तर जांचा जाता है। G6PD एंजाइम हमारे रेड ब्लड सेल्स को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करता है। G6PD हमारे रेड ब्लड सेल्स को फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से भी बचाता है। G6PD एंजाइम की कमी होने पर हमारा रेड ब्लड सेल्स बहुत तेजी से टूटने लगता है जिसे हम हेमोलिसिस (Hemolysis) कहते हैं और जब हमारा शरीर इस खून की कमी को पूरा नहीं कर पाता तो उसे हेमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic anemia) कहते हैं। इसलिए G6PD टेस्ट हेमोलिटिक एनीमिया को पता करने के लिए किया जाता है। इस एंजाइम के कम होने के लक्षण में अत्यधिक थकान पीली त्वचा सांस फूलना हार्ट बीट का बढ़ जाना पीली आंखे डार्क यूरीन तिल्ली (Spleen) का बढ़ जाना इत्यादि है। इस तरह कि किसी भी कमी को आरंभ में ही इन टैस्ट के माध्यम से जाना जा सकता है साथ ही जागरूकता और परीक्षण के माध्यम से बच्चो में किसी भी बीमारी के उत्पन्न होने से बचाया जा सकता है।
सवेरा फाउंडेशन ट्रस्ट पिछले कई वर्षो से महिलाओं व बच्चो को लाइलाज बीमारियों से बचाने और जागरूक करने के लिए अभियान चलाए हुए है। सवेरा फाउंडेशन ट्रस्ट ने दिल्ली एनसीआर के गांव और पिछड़े क्षेत्रों में जाकर समाज के अंतिम छोर पर मौजूद गरीब व वंचित महिलाओं और बच्चो तक अपनी पहुंच कायम कर अनेकों कैंप के माध्यम से महिलाओं व बच्चो को बीमारियों से सावधान रहने व जागरूक करने के साथ साथ यथा संभव इलाज भी करवाया गया है।
इसी कड़ी में सवेरा फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा भारत सरकार के उपक्रम ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी इंडिया लिमिटेड (BECIL) के सहयोग से गरीब व वंचित समाज से संबंधित
स्कूली बच्चों का व्यापक स्वास्थ्य मूल्यांकन शिविर का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत बलबीर सिंह हाईस्कूल के 50 बच्चो को स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर चयनित कर उनके टेस्ट किए गए और उनको बीमारियों से बचाव और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी गई। इस अवसर पर बेसिल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर जॉर्ज कुरुविला मुख्य अतिथि थे। सवेरा फाउंडेशन ट्रस्ट की तरफ से प्रख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर गौरव गुप्ता AIIMS, संस्था की सचिव तृप्ति सक्सेना, योगेंद्र यादव और कई स्वयंसेवी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बेसिल के सीएमडी जॉर्ज कुरुविला ने अपने उद्बोधन में बच्चो को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ साथ बेसिल द्वारा किए जा रहे जानसेवार्थ कार्यों पर भी प्रकाश डाला और सवेरा फाउंडेशन का इस स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने पर आभार प्रगट किया। डॉक्टर गौरव गुप्ता ने उपस्थित बच्चो को साफ सफाई के महत्व और बीमारी से बचाव के तौर तरीको से अवगत कराने के साथ साथ बेसिल के सीएमडी को इस कैंप के लिए धन्यवाद दिया और आशा प्रगट की कि भविष्य में बेसिल और सवेरा फाउंडेशन मिलकर इस तरह के और कैंप आयोजित करेंगे। इस कैंप के कारण बच्चो और शिक्षकों में भारी उत्साह देखा गया और शिक्षिकाओं ने बच्चो के साथ बढ़ चढ़ कर इसमें हिस्सा लिया।